माइंड हॉस्पिटल, भागवत नगर, कुम्हरार, पटना
Q 1. '
माइंड हॉस्पिटल' किस तरह का अस्पताल है?
'माइंड हॉस्पिटल' जैसा कि नाम से पता चलता है, इसमें माइंड (मन) से संबंधित सभी प्रकार की समस्या का ईलाज किया जाता है।
Q2. 'माइंड हॉस्पिटल' में किस तरह की बीमारी का ईलाज होता है?
मन से संबंधित मुख्य बीमारियों में अवसाद (डिप्रेशन), सचीज़ोफ्रेनिया ( खंडित मानसिकता), बाइपोलर मूड डिसऑर्डर (द्विध्रुवी बिकार),ओसीडी (OCD), विभन्न प्रकार के नशे की लत की समस्या(addiction), anxiety disorders,बच्चों की साइकोलॉजिकल समस्या, बुजुर्गों की साइकोलॉजिकल समस्या, महिलाओं की साइकोलॉजिकल समस्या का ईलाज किया जाता है।
Q3. 'माइंड की बीमारी' के लक्षणों को कैसे पहचानें?
माइंड की बीमारी अलग अलग प्रकार की होती है और ज्यादातर मामले में इसकी शुरुआती पहचान नहीं हो पाती है। इन लक्षणों के होने पर आपको या आपके प्रियजन को माइंड की बीमारी हो सकती है-
- अकारण गुस्सा, हिंसा,
- खुद में रहना, खुद से अकेले में बात करना या बड़बड़ाना
- अकारण का शक जैसे ' लोग मेरे दुश्मन हैं', ' लोग मेरे बारे में बात कर रहे हैं', पति या पत्नी के चरित्र पर अनावश्यक शंका, 'खाने में जहर मिला होने का शक','खुद को भगवान या बहुत शक्तिशाली मानना' ' बिना कारण पुलिस से डर लगना' आदि।
- लोगों की बातों को छुप छुप कर सुनना
- घर से बाहर न निकलना
- लोगों से मिलने से कतराना, सामाजिक मेलजोल में गिरावट
- काम काज में गिरावट जैसे नौकरी पर न जाना, घर के काम काज न कर पाना, बच्चों की पढ़ाई में अप्रत्याशित गिरावट आदि।
- आत्म्विश्वास की कमी, हताशा, निराशा, आत्महत्या करने की सोच
- नींद में कमी या अत्यधिक नींद आना, भूख में कमी या ज्यादा भूख लगना
- सेक्स में बदलाव जैसे ईक्षा का न होना, अत्यधिक सेक्स की भावना, अप्राकृतिक तरीके की सेक्सुअल प्रबृत्ति
- सामान्य व्यक्तित्व से अलग बहुत ज्यादा बोलना, अनावश्यक चीजों को खरीदना या पैसे बाँटना, अनजान लोगों से बाते करना या उलझ जाना
- एक ही चीज को बार बार करना जैसे बार बार हाथ धोना, बार बार या बहुत देर तक नहाना, बार बार ताला को जाँचना या पैसे को बार बार गिनना, एक ही बात को बार बार पूछना,
- माइंड में अनर्गल सोच जैसे 'गंदा हो जाने, गंदा लग जाने की अनावश्यक खयाल', ' भगवान या किसी पवित्र माने हाने वाले बिषय या बस्तु के बारे में गंदे बिचार', ' अपने प्रियजनों के बारे में सेक्सुअल सोच जिससे खुद में ही खराब महसूस हो',
- घबराहट और बेचैनी के दौरे, भीड़ में जैसे बाजार, बस या भरी गाड़ी में जाने में कुछ हो जाने का डर, लंबी दूरी तक अकेले सफर न कर पाना, घर से बाहर निकलने का डर
- सामाजिक सरोकार जैसे शादी के प्रति गहरी अनिच्छुकता
- शरीर की समस्या जो जाँच में पकड़ में न आना जैसे हार्ट अटैक आने का डर, कुछ गंभीर बीमारी होने का डर, HIV/AIDS होने को लेकर डर या आशंका, कैंसर की बीमारी के होने की आशंका, पेट की बीमारी का डर, मूत्र संबंधी समस्या जो जाँच में पकड़ में न आये
- लोगों के सामने जाने पर घबराहट होना, किसी के सामने signature करने में हाथ का कंपन होने लगना
- स्टेज पर जाने में या मीटिंग में मुँह सूखने लगना, असहज महसूस करना, ऐसी स्थितियों से बचने या भागने की कोशिश करना आदि।
- बिभिन्न प्रकार के डर जैसे कुत्ते, छिपकली, कॉकरोच का डर, ऊंचाई का डर, खून की जांच देने का डर, हॉस्पिटल जाने या उसके आस पास से गुजरने का डर आदि।
- छोटी छोटी बातों में गुस्सा आ जाना, खुद को नुकसान पहुंचाने की प्रबृत्ति जैसे बार बार हाथ कांट लेना या दवा का ओवरडोज़ कर लेना
- बार बार दाँत बैठ जाना, बेहोश हो जाना, किसी दूसरे व्यक्ति जैसे बारे करने लगना।
- यादाश्त का चले जाना और फिर वापस आ जाना, घर से निकल जाना और फिर याद न आना की कैसे वहां आ गए।
'माइंड हॉस्पिटल' सभी तरह की मानसिक (psychiatric)और मनोबैज्ञानिक (psychological) बीमारी के ईलाज के लिए बिहार का पहला प्राइवेट हॉस्पिटल है।
इस हॉस्पिटल में सभी तरह से माइंड से जुड़ी समस्याओं का उपचार होता है। इसके लिए मरीज की जरूरत के अनुसार, ओपीडी के स्तर पर या मरीज को भर्ती कर उनका ईलाज किया जाता है।
ईलाज के लिए माइंड हॉस्पिटल में मानसिक रोग विशेषज्ञ (Psychistrist), मनोबैज्ञानिक (साइकोलोजिस्ट), योग विशेषज्ञ, occupational therapist की पूरी टीम है।
हाँ। हमलोग महिलाओं और लड़कियों को उनके लिए बनाए गए विशेष वार्ड में ही रखकर ईलाज करते हैं।
हाँ। हमारी activity area में मरीजों को उनकी मानसिक स्वास्थ्य को सामान्य बनाने के लिए इस तरह की बीमारियों से जुड़ी विशेष तरह की योग सिखाई जाती है जिसका लाभ मरीज को हॉस्पिटल से छुट्टी के बाद भी मिलता है।
हाँ। हमारी काउंसलिंग में दक्ष टीम आपकी जरूरत के हिसाब से ओपीडी और भर्ती मरीजों के लिए individual और group therapy करते हैं।
हाँ। हमारी भर्ती मरीजों के लिए duty doctor 24*7 मौजूद रहते हैं।
हाँ। मरीज की जरूरतों के अनुसार विशेषज्ञों जैसे जेनेरल फिजिशियन, न्यूरोलॉजिस्ट आदि को बुलाया जाता है।
हाँ। परिजनों को दिए ग्सए समय पर भर्ती मरीजों से रोज मिलने की अनुमति होती है।
हाँ। हमलोग जहाँ हमारे विशेषज्ञ सलाह देते हैं, वैसे मरीजों में उनकी और परिवार वालों की सहमति से modified ECT देते हैं।
हाँ। हमारे मनोचिकित्सक की टीम देश की सर्वश्रेष्ठ संस्थानों जैसे एम्स, नई दिल्ली, एम्स, पटना, पटना मेडिकल कॉलेज, CIP, राँची में अपनी सेवा दे चुके हैं। हमलोग सभी तरह की मानसिक समस्याओं के लिए विश्वस्तरीय सेवा देने को कृतसंकल्पित हैं।